जी.एल. बजाज में अदम्य-2017
का रंगारंग शुभारम्भ
राष्ट्रमण्डल खेलों की पहली स्वर्ण पदकधारी एथलीट कृष्णा
पूनिया ने अफसोस जताते हुए कहा कि हमारे देश में हर ओलम्पिक से पहले खेल और खिलाड़ियों
की फिक्र की जाती है जबकि खेलों में यदि हमें अमेरिका, रूस, चीन आदि देशों की
बराबरी करनी है तो इसके लिए 365 दिन मेहनत करनी होगी। मैं चाहती हूं कि जिस तरह
हमारे समाज में शिक्षा को लेकर अवेयरनेस आई है उसी तरह खेलों का भी माहौल बने। आज
अभिभावक खेलने की उम्र में ही अपने छोटे-छोटे बच्चों पर शिक्षा का दबाव बनाते हैं,
यह उचित नहीं है। हम अपने बच्चों को खेलों की तरफ प्रेरित कर स्वस्थ भारत के
संकल्प को साकार कर सकते हैं। आज खेलों में भी करियर है। यदि हर अभिभावक अपने बच्चों
को प्रोत्साहित करने का संकल्प ले तो उनके बच्चे भी खेलों में मिल्खा सिंह,
मैरीकाम, पी.टी. ऊषा जैसी कामयाबियां हासिल कर सकते हैं, उनसे भी आगे निकल सकते
हैं। खेलों से न केवल शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि मन में भी किसी प्रकार के विकार
अपना स्थान नहीं बना पाते। पूनिया ने कहा कि जी.एल. बजाज ने खेलों का जो
प्लेटफार्म दिया है छात्र-छात्राएं उसका अनुशासन और खेलभावना के साथ लाभ उठाएं।
खेलों के शुभारम्भ से पूर्व पद्मश्री कृष्णा पूनिया ने
आर.के. एजूकेशन हब के चेयरमैन डा. रामकिशोर अग्रवाल, वाइस चेयरमैन पंकज अग्रवाल, प्रबंध
निदेशक मनोज अग्रवाल, जी.एल. बजाज कालेज के निदेशक डा. एस.आर. चौधरी, अरुण अग्रवाल
आदि की मुक्तकंठ से तारीफ करते हुए कहा कि मैंने यहां खेलों का जो माहौल देखा है
वह वाकई काबिलेगौर है। कृष्णा पूनिया ने कपोत और रंग-बिरंगे गुब्बारे उड़ाकर तीन
दिवसीय प्रतियोगिता का शुभारम्भ किया। जी.एल. बजाज कालेज के निदेशक डा. एस.आर.
चौधरी ने कृष्णा पूनिया को स्मृति स्वरूप भगवान श्रीकृष्ण और राधा की मूर्ति भेंट
करते हुए उनका आभार माना। इस अवसर पर डीन आर्क अश्वनी शिरोमणि, अनुराग बंसल,
इंजीनियर अजीत झा, विमल गुप्ता, डा. अमित पाराशर, शिवकुमार शर्मा, जीतेन्द्र सिंह,
अशोक शर्मा, इंजीनियर विनीता माथुर, संजीव अग्रवाल, प्रशासनिक अधिकारी विवेक
श्रीवास्तव, लव अग्रवाल, अंकित, रविन्द्र जायसवाल, खेल अधिकारी सोनू शर्मा आदि
सहित लगभग 50 स्कूल-कालेजों के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन
मोनिका शर्मा ने किया।
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