Wednesday, 10 August 2016

तरणताल का बादशाह माइकल फ्लेप्स

तैराकी में जो किया वह एक नजीर
तरणताल के भीतर अपनी बादशाहत कायम रखते हुए अमेरिका के दिग्गज तैराक माइकल फ्लेप्स ने 9 अगस्त, 2016 को ओलम्पिक में दो और स्वर्ण पदक अपने नाम किये। इसके साथ ही ओलम्पिक में उनके 21 स्वर्ण पदक और कुल 25 पदक हो गये हैं। ऐसा कारनामा ओलम्पिक तो क्या किसी भी खेल में हर रोज़ नहीं होता। जितना प्यार भारत में क्रिकेट के लिए है उससे कम प्यार अब अमेरिका में माइकल फ्लेप्स के लिए नहीं होगा।
साल 2000 में ओलम्पिक की फीकी शुरूआत करने वाले माइकल फ्लेप्स ने फिर कभी मुड़कर नहीं देखा और अपने नाम ऐसे.ऐसे रिकॉर्ड दर्ज किए जिसे तोड़ पाना आने वाली पीढ़ी के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं होगा। जिस तरह से क्रिकेट में सचिनए फुटबॉल में पेले उसी तरह से तैराकी में माइकल फ्लेप्स का नाम अब हमेशा के लिए अमर हो गया है। अपने 16 साल के करियर में फ्लेप्स शायद ही कोई बड़ी उपल्ब्धि छूने से चूके हों।
तरणताल के इस  बादशाह ने साल 2000 में अमेरिका के लिए पिछले 70 सालों में ओलम्पिक में क्वालीफाई करने वाले माइकल फ्लेप्स 15 साल की उम्र में सबसे युवा पुरुष ओलम्पियन बने। 2000 ओलम्पिक में माइकल फ्लेप्स ने 200 मीटर बटरफ्लाई के लिए क्वालीफाई किया हालांकि इस ओलम्पिक में उन्हें मेडल नहीं मिला और उन्होंने फाइनल्स में टॉम मॉलचाउ के खिलाफ लड़ते हुए पांचवां स्थान हासिल किया। उसके बाद 2001 में नेशनल्स और फीना वर्ल्ड चैम्पियनशिप में माइकल फ्लेप्स ने 15 साल की उम्र में इयान थोर्प का वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ दिया। इयान थोर्प ने 400 मीटर फ्रीस्टाइल में 16 साल 10 महीने की उम्र में मेडल जीता तो माइकल फ्लेप्स ने 15 साल की उम्र में ही यह कारनामा कर दिखाया।
साल 2004 में खेले गए एथेंस ओलम्पिक में माइकल फ्लेप्स ऐसे छाए कि दुनिया भर में उनके नाम का डंका बज गया। माइकल फ्लेप्स ने एथेंस में 6 गोल्ड और 2 ब्रॉंज़ मेडल जीते। इस साल उन्होंने रिकॉर्ड टाइम में 400 मीटर रेस अपने नाम की जिसके बाद उनकी एक अलग पहचान बन गई। इसके बाद माइकल ने अपने हीरो इयान थोर्प के खिलाफ 200 मीटर फ्रीस्टाइल रेस जीतकर सनसनी फैला दी। एथेंस से और आगे बढ़ते हुए माइकल फ्लेप्स ने मानो कसम खाई हो कि अब उन्हें नहीं रूकना। जिस तरह से सचिन को क्रिकेट विश्वकप का बेताज बादशाह माना जाता है उसी तरह माइकल फ्लेप्स ने ओलम्पिक में अपना लोहा मनवाया है। माइकल फ्लेप्स ने एथेंस में अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 2ए 4 या 6 नहीं बल्कि 8 गोल्ड मेडल जीते। जिसमें 200 मीटर फ्रीस्टाइलए बटरफ्लाई और व्यक्तिगत मेडले मैन शामिल थे। इसके अलावा उन्होंने 4 गुणा 200 व्यक्तिगत मेडले मैनए 4 गुणा 100 मेडले रिले मैनए 400 मीटर व्यक्तिगत मेडले मैनए 4 गुणा 100 फ्रीस्टाइल रिले मैन और 100 मीटर बटरफ्लाई शामिल थी। बीजिंग ओलम्पिक माइकल फ्लेप्स के करियर में मील का पत्थर और सर्वश्रेष्ठ ओलम्पिक भी माना गया।
लंदन ओलम्पिक में एक बार फिर माइकल फ्लेप्स आए और 2012 के ओलम्पिक में उसेन बोल्ट के बाद दूसरे सबसे सफल ओलम्पियन साबित हुए। इस बार माइकल फ्लेप्स ने 4 गोल्ड और 2 सिल्वर मेडल जीते। हालांकि इस ओलम्पिक में फैंस को उनसे निराशा हाथ लगी क्योंकि कई मौकों पर वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं दे सके। रियो ओलम्पिक से पहले 18 स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुके माइकल फ्लेप्स ने इस सीज़न तीन गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिए हैं। पहले तैराकी के चार गुणा 100 मीटर फ्री स्टाइल रिले में नया रिकॉर्ड कायम करते हुए अपने देश को स्वर्ण पदक दिलाया जोकि उनका 19वां गोल्ड था उसके बाद उन्होंने 200 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा में अपने प्रतिद्वंद्वी दक्षिण अफ्रीका के चाद ले क्लोस को बहुत पीछे छोड़ते हुए अपना 20वां स्वर्ण पदक जीता। विश्व रिकार्ड धारक दिग्गज ओलम्पियन ने यह रेस एक मिनट 53ण्36 सेकेण्ड में पूरी की। इसके कुछ देर बाद माइकल फ्लेप्स ने अपने देश को एक और सोने का तमगा दिलाया। उन्होंने चार गुणा 200 मीटर फ्रीस्टाइल रिले की टीम स्पर्धा में अमेरिका को स्वर्ण पदक दिलाने में टीम की अगुवाई की।
वर्ष 2012 के लंदन ओलम्पिक में दक्षिण अफ्रीका के चाद ले क्लोस ने माइकल फ्लेप्स को 200 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा में स्वर्ण पदक से महरूम कर दिया था और इसके बाद उन्होंने संन्यास की घोषणा कर दी तो ऐसा लगा कि वह अपनी हार का बदला नहीं ले पायेंगे। बाद में जब उन्होंने एक बार फिर ओलम्पिक में हिस्सा लेने की घोषणा की तो उनकी निगाहें इस स्पर्धा में एक बार फिर अपनी बादशाहत कायम करने पर लगी थीं और स्पष्ट था कि किसी और स्पर्धा की तुलना में इसमें स्वर्ण पदक जीतना उनके लिए सबसे अहम था।
ओलम्पिक इतिहास में सर्वाधिक मेडल का रिकॉर्ड भी अब माइकल फ्लेप्स के नाम हो गया है। उन्होंने अब तक कुल 25 मेडल जीते हैं जबकि उनके बाद लेरिसा लेटिनिना का नम्बर है जिन्होंने जिमनास्ट में कुल 18 मेडल जीते थे। तीसरे नम्बर पर निकोलिया एंड्रियानोव हैं जिनके नाम भी जिमनास्ट में ही 15 मेडल शुमार हैं। गोल्ड मेडल जीतने के मामले में भी माइकल फ्लेप्स का कोई सानी नहीं हैए उसने अपने ओलम्पिक कार्यकाल में 21 गोल्ड मेडल अब तक जीत लिए हैंए जबकि उनके बाद पावो नुरमी का नाम आता हैए जिन्होंने साल 1920 से लेकर 1928 तक नौ गोल्ड जीते थे। किसी भी एक सिंगल ओलम्पिक में पहले स्थान पर रहते हुए सर्वाधिक 8 गोल्ड मेडल्स का रिकॉर्ड भी बीजिंग ओलम्पिक के दौरान माइकल फ्लेप्स के नाम दर्ज है।
तरणताल के ओलम्पिक शहंशाह माइकल फ्लेप्स ने बताया कि वह ज्यादा से ज्यादा गोल्ड मेडल जीतने के लिए कार्बोहायडरेडयुक्त खाने के पदार्थ का अधिक सेवन करते हैं। किसी रिकॉर्ड की बराबरी करने या टूटने में आपने कितने लम्बे वक्त के बारे में सुना हैए ज्यादा से ज्यादा 50 सालए 100 साल या 150 साल लेकिन माइकल फ्लेप्स ने 2168 साल पुराने एक रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। जी हां प्राचीन ओलम्पिक खेलों को भी इसमें जोड़ दिया जाए तो उन्होंने 2168 साल पुराने ओलम्पिक रनर लिओनिडास ऑफ रोड्स के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है।


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