सपाट पिचों पर गेंदबाजों की शामत
मौला नहीं हरफनमौला दिखाएंगे दम
श्रीप्रकाश शुक्ला
ताबड़तोड़ क्रिकेट आईपीएल के रतजगे के बाद क्रिकेट मुरीदों के बीच अंग्रेजों
की धरती पर चौथी बार होने जा रहे एकदिवसीय क्रिकेट विश्व कप को लेकर कयासबाजी का
दौर-दौरा शुरू हो चुका है। क्रिकेट विश्व कप को लेकर भारत ही नहीं इस मजमें में
शिरकत कर रहे सभी मुल्कों के खेलप्रेमियों में खासा उत्साह है। मेजबान इंग्लैण्ड जहां
अपनी सपाट पिचों पर पहली बार इतिहास रचने को बेताब है वहीं दक्षिण अफ्रीकी टीम भी हर
हाल में अपने ऊपर लगे चोकर्स के अभिशाप से मुक्त होने को उन्मुक्त है। विश्व कप
क्रिकेट के इस बारहवें समागम में शिरकत कर रही हर टीम किसी न किसी क्षेत्र में
बेजोड़ है, ऐसे में विश्व चैम्पियन का फैसला होने से पहले क्रिकेट मुरीदों को
रोमांचक क्रिकेट के दीदार होंगे इसमें संदेह नहीं है।
विश्व कप क्रिकेट की जहां तक बात है, अब तक खेले गए 11 क्रिकेट महासंग्रामों
को सिर्फ पांच मुल्क ही फतह कर सके हैं, जिनमें तीन एशियाई देश शामिल हैं।
आस्ट्रेलियाई टीम जहां पांच बार विश्व चैम्पियन बनी है वहीं वेस्टइंडीज और भारत ने
दो-दो बार खिताबी जश्न मनाया है। पाकिस्तान और श्रीलंका भी एक-एक बार विश्व कप की
खिताबी जीत का रसास्वादन कर चुके हैं। क्रिकेट बिरादर के तीन मजबूत स्तम्भ
इंग्लैण्ड, दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैण्ड खिताबी दौर तक पहुंचने के बाद भी अब तक
खिताब से वंचित हैं। अंग्रेजों की धरती में 30 मई से होने जा रहे क्रिकेट के इस
बारहवें समागम में शिरकत कर रही भारत से लेकर अफगानिस्तान तक की टीमों पर गौर करें
तो हर टीम ने हरफनमौला खिलाड़ियों पर दांव खेला है। विशेषज्ञ यह मानकर चल रहे हैं
कि इस मर्तबा मौला नहीं हरफनमौला क्रिकेटर अपनी टीमों के लिए तुरुप का इक्का साबित
होंगे।
इंग्लैण्ड की जहां तक बात है वह हमेशा से अच्छा मेजबान रहा है। इंग्लैण्ड का
मौसम भी दर्शकों और क्रिकेट खिलाड़ियों के मुफीद रहता आया है। इस बार इंग्लैण्ड के
छोटे मैदान, सपाट पिचें और तेज आउटफील्ड गेंदबाजों के लिए मुसीबत का सबब बन सकती
हैं। हाल ही इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच खेली गई एकदिवसीय सीरीज में लगभग हर मैच
में साढ़े तीन सौ का स्कोर बनना इस बात का संकेत है कि इस मर्तबा रन बरसेंगे
लिहाजा गेंदबाजों की शामत आएगी। यह कहने में जरा भी संकोच नहीं कि इस बार जिस टीम
के गेंदबाज कंजूसी भरी गेंदबाजी करेंगे उसी की जय-जयकार होगी। क्रिकेट की दुनिया
में कुछ भी असम्भव नहीं है। देखा जाए तो हर दशक में खेलों की सूरत और सीरत में
बड़े बदलाव आए हैं। एक समय वनडे क्रिकेट में डेढ़-पौने दो सौ रनों का स्कोर बनाकर
भी टीमें जीतती थीं लेकिन अब इससे बड़े स्कोर तो टी-20 में ही बनने लगे हैं। वनडे
क्रिकेट में अब कोई भी आंकड़ा सुरक्षित नहीं कहा जा सकता। अब अमूमन हर टीम तीन-साढ़े
तीन सौ रनों का स्कोर बनाने का माद्दा रखती है। टीमें अब 400 रनों का आंकड़ा भी आसानी
से पार कर रही हैं।
एकदिवसीय क्रिकेट के इतिहास में अब तक 20 मैच ऐसे हैं जिसमें स्कोर 400 रनों के
पार पहुंचा है। टी-20 क्रिकेट के चलन ने बल्लेबाजों को इस कदर फौलादी बनाया है कि
2015 विश्व कप के बाद से अब तक 128 मैचों में टीमों ने तीन सौ से ज्यादा के स्कोर
बनाए हैं। इंग्लैण्ड में होने जा रहे बारहवें विश्व कप में टीमें 500 का आंकड़ा छू
लें तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। देखा जाए तो फटाफट क्रिकेट में अब तक किसी भी टीम
ने पांच सौ का आंकड़ा नहीं छुआ है लेकिन छोटे फार्मेट में जिस तरह बल्लेबाज रन कूट
रहे हैं उसे देखते हुए यह कारनामा नामुमकिन नहीं लगता। इंग्लैण्ड टीम ने बेशक अभी
तक विश्व कप नहीं जीता हो लेकिन वनडे क्रिकेट इतिहास के दो सबसे बड़े स्कोर इसी
टीम के नाम हैं। इंग्लिश टीम एकदिनी क्रिकेट में आस्ट्रेलिया के खिलाफ 481 रनों का
पहाड़ खड़ा कर चुकी है।
इस बार इंग्लैण्ड की जिन पिचों पर विश्व कप के मैच खेले जाने हैं वहां रन
बनेंगे इस बात का जिक्र हर कोई कर रहा है। सचिन तेंदुलकर भी इस बात को कह चुके हैं
कि 2019 विश्व कप में बल्लेबाजों को रन बनाने के लिए मुफीद पिचें मिलेंगी। सचिन के
इस आकलन के बाद चर्चा यह भी है कि क्या टीम इण्डिया इंग्लैण्ड की पिचों पर पांच सौ
रनों का जादुई आंकड़ा छू सकेगी। यह चर्चा इसलिए भी जायज है क्योंकि भारतीय टीम
दुनिया की नम्बर दो टीम है। इसके अलावा विश्व क्रिकेट में जिन 20 मैचों में 400
रनों का आंकड़ा पार हुआ है उसमें पांच बार यह कारनामा भारतीय टीम ने ही किया है।
इस मामले में दक्षिण अफ्रीकी टीम पहले नम्बर पर है, जिसने छह बार 400 रनों का
आंकड़ा छुआ है।
भारतीय टीम के पास शीर्ष बल्लेबाजी क्रम में तीन धुरंधर बल्लेबाज हैं, जिसमें
से विराट कोहली इस वक्त दुनिया के नम्बर एक वनडे बल्लेबाज हैं। शिखर धवन की
आक्रामकता हर किसी ने देखी है तो रोहित शर्मा बड़ी पारियां खेलने में माहिर हैं। वनडे
क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने में रोहित का कोई तोड़ नहीं है। वनडे में एक पारी में
264 रनों के स्कोर का रिकॉर्ड उन्हीं के नाम है। अब तक वनडे क्रिकेट में जो आठ
दोहरे शतक लगे हैं उसमें से तीन अकेले रोहित शर्मा के नाम हैं। विश्व कप के प्रबल
दावेदारों में शामिल विराट सेना लीग चरण के नौ मैच छह मैदानों पर खेलेगी जिनमें से
बर्मिंघम का एजबेस्टन भी शामिल है,
जहां उसका शानदार रिकॉर्ड
रहा है। भारत ने एजबेस्टन में अब तक 10 एकदिवसीय मैच खेले हैं, जिनमें से सात में उसे जीत और केवल तीन में हार मिली है। भारतीय टीम ने 2013
से यहां लगातार पांच मैच जीते हैं जिनमें पाकिस्तान के खिलाफ आईसीसी चैम्पियंस
ट्रॉफी की दो बड़ी जीत भी शामिल हैं। इस बार एजबेस्टन में भारत का मुकाबला मेजबान
इंग्लैंड (30 जून) और बांग्लादेश (दो जुलाई) से होगा। इंग्लैंड के खिलाफ भारत ने
यहां चार मैच खेले हैं जिनमें से तीन में उसे जीत मिली है। बांग्लादेश को भी भारत
ने 2017 में इस मैदान पर नौ विकेट से करारी शिकस्त दी थी।
विश्व कप में भारत का अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से मुकाबला 16 जून को
ओल्ड ट्रैफर्ड, मैनचेस्टर में होगा। भारत ने 2007 के बाद से इस
मैदान पर कोई वनडे मैच नहीं खेला है। इस मैदान पर भारत को आठ मैचों में से तीन में
जीत और पांच में हार मिली है। भारत ने विश्व कप 1999 में पाकिस्तान को इस मैदान पर
47 रनों से पराजित किया था। मैनचेस्टर में ही 27 जून को भारत का मुकाबला
वेस्टइंडीज से होगा। भारत ने 1983 विश्व कप के लीग चरण में इसी मैदान पर कैरेबियाई
टीम को 34 रन से हराकर सनसनी फैला दी थी लेकिन इसके बाद दोनों टीमें कभी इस मैदान
पर आमने-सामने नहीं हुईं।
अंग्रेजों की धरती पर होने जा रहे बारहवें विश्व कप को लेकर विशेषज्ञ बेशक
भारत और आस्ट्रेलिया को खिताबी जीत का मजबूत दावेदार मान रहे हों, मेरी नजर में इस
मर्तबा खिताब के प्रमुख दावेदारों में सबसे पहला नाम इंग्लैण्ड का है। इंग्लैंड
क्रिकेट टीम इस समय वनडे में नम्बर वन टीम है। ओएन मॉर्गन की कप्तानी में इस टीम
ने गजब का प्रदर्शन किया है। विश्व कप से पहले इंग्लैण्ड टीम ने पाकिस्तान को
पराजय का जो पाठ पढ़ाया है, वह बाकी टीमों के लिए किसी सबक से कम नहीं है। विश्व कप
2015 के बाद से इंग्लैण्ड ने अपने खेल में आमूलचूल बदलाव किए हैं। यह टीम अब आक्रामक
क्रिकेट खेलती है और ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के दम पर बड़े लक्ष्य बनाती है। पिछले
चार साल में इंग्लिश टीम ने वनडे में सबसे ज्यादा रन का स्कोर बनाने का रिकॉर्ड
भी अपने नाम किया है। इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ट्रेंटब्रिज मैदान में 481
रन मारे थे, इससे पहले उसने पाकिस्तान के खिलाफ 444 रन बनाए थे।
विश्व कप 2015 के बाद से इंग्लैण्ड ने अपने 65.51 प्रतिशत मैच जीते हैं। इस
मामले में टीम इण्डिया दूसरे नम्बर पर है जिसने अपने 65.11 प्रतिशत मुकाबलों में
विजय दर्ज की है। इंग्लैण्ड ने अपने घर में पिछले पांच साल में लक्ष्य का पीछा
करते हुए एक भी मैच नहीं गंवाया है, इसका कारण उसकी टीम में चार ऐसे खिलाड़ियों का होना
है जो बल्लेबाजी और गेंदबाजी में जरूरत पड़ने पर लगातार उपयोगी योगदान दे रहे हैं।
इनमें बेन स्टोक्स विशुद्ध हरफनमौला हैं जोकि किसी भी टीम की रणनीति को कुछ पल में
ही तहस-नहस करने की क्षमता रखते हैं। मोईन अली बल्लेबाजी आलराउण्डर जबकि डेविड विली
और टॉम कुरेन गेंदबाजी आलराउण्डर के रूप में इंग्लैण्ड के लिये अहम साबित हुए हैं।
इनके अलावा क्रिस वोक्स भी खुद को अच्छा गेंदबाजी आलराउण्डर साबित करने में कोई कसर
नहीं छोड़ेंगे।
भारत की जहां तक बात है चयनकर्ताओं ने अम्बाती रायुडू की जगह विजय शंकर को
तरजीह देकर इंग्लैण्ड में हरफनमौला खिलाड़ियों के महत्व को ही स्वीकारा है। भारतीय
टीम में वैसे हार्दिक पांड्या एक अदद उच्चस्तरीय आलराउण्डर हैं जिन्हें पूर्व क्रिकेटर
भी तुरुप का इक्का मानकर चल रहे हैं। विजय शंकर और केदार जाधव टीम में बल्लेबाजी
आलराउण्डर की भूमिका निभाएंगे जबकि रविन्द्र जड़ेजा गेंदबाजी आलराउण्डर के तौर पर
टीम के लिये एक्स फैक्टर साबित हो सकते हैं। पाकिस्तान के पास फहीम अशरफ, मोहम्मद हफीज, इमाद वसीम और शादाब खान के रूप में अच्छे क्रिकेटर हैं जो
खेल के महत्वपूर्ण विभागों में अच्छी भूमिका निभाने में सक्षम हैं। न्यूजीलैंड के
पास जेम्स नीशाम अच्छे आलराउण्डर हैं जबकि कोलिन डि ग्रैंडहोम और मिशेल सेंटनर
गेंदबाजी आलराउण्डर की भूमिका में खरे उतरते हैं।
बांग्लादेश के पास शाकिब अल हसन के रूप में बेहतरीन हरफनमौला खिलाड़ी है जो
बायें हाथ की अपनी स्पिन की मारक शक्ति से बल्लेबाजों को परेशान करने के अलावा
बल्ले से भी बड़ा स्कोर खड़ा करने की क्षमता रखते हैं। उनके अलावा महमुदुल्लाह
बल्लेबाजी आलराउण्डर हैं जबकि मोहम्मद सैफुद्दीन, कप्तान मशरेफी मुर्तजा और मेहदी हसन गेंदबाजी आलराउण्डर में
उपयोगी साबित हो सकते हैं। श्रीलंका की टीम को हाल के प्रदर्शन के कारण थोड़ा
कमजोर आंका जा रहा है लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि इस टीम में धनंजय डिसिल्वा,
जीवन मेंडिस, एंजेलो मैथ्यूज, तिसारा परेरा, मिलिंदा
सिरीवर्धने और इसुरू उदाना जैसे लाजवाब हरफनमौला खिलाड़ी भी हैं। इस विश्व कप में अफगानिस्तानी
टीम को छुपा रुस्तम माना रहा है और उसका कारण टीम में मोहम्मद नबी, कप्तान गुलबदीन नैब, रहमत शाह और शमीउल्लाह शेनवारी जैसे हरफनमौला खिलाड़ियों की
मौजूदगी है।
आस्ट्रेलिया के पास ग्लेन मैक्सवेल और मार्कस स्टोइनिस के रूप में बल्लेबाजी
आलराउण्डर हैं। दक्षिण अफ्रीकी टीम में जीन पॉल डुमिनी और क्रिस मौरिस यही भूमिका
निभाएंगे। वेस्टइंडीज की बात करें तो यह टीम हरफनमौला खिलाड़ियों का जमावड़ा है।
कप्तान जैसन होल्डर, आंद्रे रसेल और
कार्लोस ब्रेथवेट अपनी बल्लेबाजी या गेंदबाजी से किसी भी टीम के खिलाफ जीत दिला
सकते हैं। आईपीएल में रसेल ने अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी से खासा प्रभाव छोड़ा है।
क्रिस गेल अभी बल्लेबाजी पर ध्यान दे रहे हैं लेकिन जरूरत पड़ने पर वह अपनी
कामचलाऊ आफ स्पिन से जमे जमाए बल्लेबाज के पैर उखाड़ सकते हैं। इंग्लैण्ड में होने
जा रहा बारहवां विश्व कप जो भी जीते पर इसमें रनों का कीर्तिमान बनना तय है।
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