Sunday, 28 October 2012

अजय माकन क्यों बने बलि का बकरा?

लम्बे समय से प्रतीक्षित केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में आज बदलाव की जो बयार बही उसमें राहुल गांधी की मंशा का विशेष ख्याल रखा गया। अब देश के खेल परिदृश्य को बदलने की जवाबदेही निशानेबाज जीतेन्द्र सिंह को सौंपी गई है। जो भी हो युवाओं को तरजीह देने के नाम पर अजय माकन को इसलिए बदला गया ताकि दागी खेलनहार पुन: खेलों की गंगोत्री में डुबकी लगा सकें। 
देखा जाए तो खेल के क्षेत्र में अजय माकन का कार्यकाल न केवल पारदर्शी रहा बल्कि उन्होंने खिलाड़ियों के मर्म को करीब से देखा और उनकी परेशानी दूर करने के समुचित प्रयास भी किये। माकन ने कई खिलाड़ी हितैषी योजनाओं को मूर्तरूप देते हुए उन खेलनहारों को सबक सिखाया जिनके चलते खेलों की गंगोत्री पूरी तरह से मैली हो चुकी थी। अजय माकन ने पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान (पायका) के जरिये गांव-गांव में खेल मैदान की जहां मजबूत नींव रखी वहीं उन्होंने खेल संघों की पारदर्शिता और जवाबदेही सम्बन्धी विधेयक के जरिये लम्बे समय से खेल संघों में बिराजे खेलनहारों को कुर्सी छोड़ने को भी मजबूर किया।
श्री माकन ने खेल संघ पदाधिकारियों पर नकेल कसने के साथ ही भारतीय क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को सूचना के अधिकार के दायरे में लाने की पुरजोर कोशिश भी की। माकन के इस प्रयास की देश भर में सराहना भी हुई। यही सराहना व अजय माकन का खेल एवं युवा कल्याण विभाग की सूरत बदलना उनकी पार्टी के लोगों को नागवार गुजरा। दरअसल अजय माकन के नेक प्रयासों के चलते ही सुरेश कलमाड़ी जैसे खेल सत्यानाशी जेल सींखचों तक पहुंचे तो कांग्रेस के कई अन्य दिग्गजों पर भी गाज गिरती दिखी। दरअसल केन्द्र ने श्री माकन को इस फेरबदल के तहत प्रोन्नत कर बेशक आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री के रूप में कैबिनेट का झुनझुना थमाया हो पर खेल की दुनिया में तो इस बात के संकेत जा रहे हैं कि भारतीय खेल महासंघ के चुनाव से पहले माकन का बदला जाना कांग्रेस की नाक का सवाल था। यदि माकन नहीं बदले जाते तो कई कांग्रेसी खेलनहार हमेशा हमेशा के लिए खेल संघों में खेलने से वंचित रह जाते तो कई लोगों की शेष जिन्दगी जेल में गुजरती।
निशानेबाज जितेन्द्र सिंह बने नये खेल मंत्री
राजस्थान के अलवर से सांसद जितेन्द्र सिंह को केन्द्र सरकार में आज हुए फेरबदल के तहत खेल एवं युवा कल्याण मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में नियुक्त किया गया है। अब तक केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री के रूप में काम कर रहे श्री सिंह खेल एवं युवा कल्याण मामलों के मंत्रालय में अजय माकन का स्थान लेंगे। अलवर राजघराने से ताल्लुक रखने वाले 41 वर्षीय जीतेन्द्र सिंह खुद एक निशानेबाज रहे हैं और राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताओं में उन्होंने पदक भी जीते हैं। दो बार राजस्थान विधानसभा में विधायक रहने के बाद वह 2009 में पहली बार सांसद बने।


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